सीडीओ ने लक्ष्य के सापेक्ष काम न पूरा करने को लेकर जतायी सख्त नाराजगी
युवा गौरव। राम किशोर रावत
माल, लखनऊ। गांवों में रोजगार सृजन के काम में लापरवाही बरतने वाले रोजगार सेवकों की सेवा समाप्त हो सकती है। मनरेगा योजना की मंथर गति को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सख्त निर्देश जारी किये हैं। पांच ग्राम पंचायतों की स्थिति अत्यंत ख़राब पायी गयी है। ब्लाक सभागार में सभी रोजगार सेवकों को गांवों में मनरेगा योजना के तहत रोजगार सृजन में रूचि न लिये जाने को लेकर अल्टीमेटम दिया गया है। यहाँ मनरेगा के नवंबर माह तक तय लक्ष्य के सापेक्ष 66 प्रतिशत कार्य ही कराये गये हैं। इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने सख्त नाराजगी जतायी है। सड़सठ ग्राम पंचायतों वाले इस ब्लाक में तैतालिस ग्राम रोजगार सेवक कार्यरत हैं। दनौर, आंट, बदैया, सिसवारा और ढखवा पंचायतों की प्रगति सबसे ख़राब पायी गयी है। जिले से निर्देश मिलने के बावजूद यहाँ व्यक्तिगत श्रेणी के काम कराये ही नहीं गये। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, आवासीय पट्टा धारक, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाना था। जिसमें पशुपालन करने वाले परिवारों को कैटिल शेड और बेकार पानी के प्रबंधन के लिए सोकपिट बनाये जाने हैं। इस मामले में बीडियो भानु प्रताप सिंह ने बताया समस्त सचिव और रोजगार सेवकों को चेतावनी नोटिस जारी की गयी है। जिन रोजगार सेवकों की सेवाएं संतोषजनक नहीं हैं उन्हें चिन्हित कर उनकी संविदा सेवा समाप्त किये जाने पर भी विचार किया जा रहा है